Saturday 1 October 2016

इस तस्वीर को देखकर आपके मन में कई तरह के विचार आ रहे होंगे। कुछ लोगों को यह तस्वीर अश्लील भी नज़र आ रही होगी। लेकिन जीवन में ऐसी बहुत-सी चीज़ें होती है जो देखने में तो बुरी लगती है लेकिन उनकी सच्चाई कुछ और ही होती है, उसको जानने के बाद आप की रूह कांप जायेगी। आपको अपनी आंखों पर यकीन नही होगा पर शायद रिश्तों की हकीकत यही है।


आज हम आपको रिश्तों के उस पहलू से रुबरु कराएंगे। जिसको देखकर आप सोच में पड़ जाएंगें कि कोई रिश्ता इतना कैसे खूबसूरत हो सकता है और शायद पूरी खबर पढ़कर आप अपने आंसूओं को चाहकर भी अपनी आंखों में जगह नहीं दे पाएंगे। कलाकार की कला का कोई मोल नहीं है क्योंकि इसको बनाने वाले ने सिर्फ पेंटिग नहीं बनाई है बल्कि कागज़ के पन्नों पर अपना दिल निकालकर रख दिया है। इस तरह कि कहानी अपने बहुत सुनी होगी कि पिता और बेटी का रिश्ता अनमोल होता है लेकिन इस कहानी में बाप बेटी का रिश्ता एक नज़ीर है जो इससे पहले ना अपने कभी सुनी और ना कभी देखी होगी।  
इस पेंटिंग को यूरोप के एक मशहूर पेंटर बारतोलोमिओ एस्तबेन मुरिलो ने बनाया हैं। वैसे तो मुरीलो की पेंटिंग्स के बहुत से कद्रदान हैं। लेकिन मुरीलो की उंगलियों ने एक ऐसी पेंटिंग बना दी है जिस पेंटिंग के मुरीलो खुद कद्रदान बन गये हैं। मानवीय मूल्यों और नैतिकता को लेकर बहस छेड़ दी है। यह पेंटिंग सोशल मीडिया में भी बहस का विषय बन गई है। इस तस्वीर को देखने वालों को शायद पहली बार में समझ ना आए कि यह पेंटिंग बाप और बेटी के अनकहे खूबसूरत रिश्ते को दर्शाती है। और मुरीलो ने इस रिश्ते की खूबसूरती को बयां करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

एक बुजुर्ग को पूरे जिंदगी भूखे रहने की सजा मिली थी। इस बूढ़े आदमी की एक बेटी थी। जिसे रोज पिता से मिलने की परमिशन दी गई थी। बेटी जब पिता से मिलने जेल में जाती तो उसकी तलाशी ली जाती कि कहीं वो कुछ छिपाकर तो नहीं ले जाती। रोजाना भूखे रहने से पिता की हालत खराब होने लगी। पिता की बिगड़ती हालत बेटी देख नहीं सकी और उसने वो किया जिसे पाप और पुण्य का मामला बन गया। मजबूर बेटी ने पिता की भूख मिटाने के लिए अपना स्तनपान कराना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पिता की हालत में सुधार होने लगा जिसे देखकर पहरेदार चौकन्ना हो गए। एक दिन लड़की को स्तनपान करते पहरेदारों ने पकड़ लिया और राजा के सामने पेश किया। और सरकार ने कानून से हटकर एक भावनात्मक फैसला सुनाते हुए उन दोनों को रिहा कर दिया गया

इस तरह की सोच का कोई मूल्य नहीं है, लेकिन समाज हमेशा से हर रिश्ते को अपने तराजू में तोलता आया है जिसका आधार वो अपने संस्कार और इतिहास के मापदड़ों पर देता है। जब इस समाज में किसी भी रिश्ते का एक नया पहलू आता है। तो उसको कई तरह कि परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है लेकिन काबलियत और हुनर उस कलाकार का है जो उस नये पहलू को लोगों के ज़हन में उतरने में कामयाब होता है। इसलिए यह पेंटिग तमाम विवादों के बाद बेशकीमती हो जाती है।  

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